CRS AGENCY| 2012 के सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया है। मामला 24 अक्टूबर, 2012 का था जिसमें फैजाबाद में दंगों के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे, जो एक जुलूस के दौरान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा देवी दुर्गा की कुछ मूर्तियों पर हमला किए जाने की अफवाह के बाद भड़क उठे थे।
इसी क्रम में फैजाबाद की एक स्थानीय अदालत ने 2012 के सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में सबूतों के अभाव के करण सभी 14 आरोपियों को बरी कर दिया है। ज़िला सरकारी वकील राम कृष्ण तिवारी ने कहा कि फैजाबाद के ज़िला न्यायाधीश संजीव फौजदार की अदालत ने मंगलवार को आदेश पारित किया। उन्होंने कहा मामले के सभी गवाह मुकर गए और पुलिस आरोपी के खिलाफ कोई सबूत पेश करने में नाकाम रही। 24 अक्टूबर, 2012 को फैजाबाद में दंगों के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे, जो एक जुलूस के दौरान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा देवी दुर्गा की कुछ मूर्तियों पर हमला किए जाने की अफवाह के बाद भड़क उठे थे।
दंगों के दौरान दर्जनों दुकानों और घरों में आग लगा दी गई और लूटपाट की गई थी। भीड़ ने पुलिस वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
दुर्गा पूजा जुलूस का नेतृत्व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज जायसवाल कर रहे थे, जो अयोध्या-फैजाबाद दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष भी थे। तब राज्य में समाजवादी पार्टी की सत्ता थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे।