*रियासत में सुरक्षित नहीं दलित महिलाएं मजदूरी के दौरान सहनी पड़ी लाठी डंडों की मार*
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ऐहार गांव में मनरेगा के तहत मजदूरी कर रही आधा दर्जन से ज्यादा महिलाओं को यादव समुदाय के लोगों ने पीटा दलित होने का कराया एहसास
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लालगंज पुलिस न्याय देने में रही नाकाम तो सोमवार को एसपी दरबार का दलित महिलाओं ने किया रुख न्याय की लगाई गुहार
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रायबरेली। वर्तमान सरकार महिला सुरक्षा को लेकर कितने ही दावे क्यों ना करती हो लेकिन उन हवा हवाई दावो कि असलियत सामने आ ही जाती है। और इसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री जी की अपनी ही पुलिस है जो कार्यवाही न करके दबंगों को फलने फूलने का पूरा मौका देती है और इसी का फायदा उठाकर दबंग गरीबों के ऊपर अत्याचार करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण लालगंज कोतवाली क्षेत्र के ऐहार गांव से देखने को मिला जहां पर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली दलित महिलाएं मनरेगा में मजदूरी करके दो वक्त की रोटी का गुजारा करती हैं जिनका क्या ही किसी से विवाद होगा परंतु इसके बावजूद बीती 23 जुलाई को ग्राम सभा ऐहार के पूरे अजबी गांव में सहरंगई का पूरा खेल कैमरे में कैद हुआ दरअसल ग्राम विकास योजना के तहत ग्राम पुरे अजबी में हो रही नाली निर्माण कार्य में व्यवधान डाल रहे देवी शंकर यादव ,सुभाष यादव ,सारिस दिशा, विमला, ने लाठी डंडों के साथ मनरेगा में मजदूरी कर रही सोनी निर्मल के ऊपर धावा बोल दिया इतने में ही बीच बचाव कराने आई अन्य महिला मजदूरों के साथ वही सलूक किया गया जो सोनी निर्मल के साथ हुआ इतना ही नहीं सहरंगो ने यादव समुदाय का हवाला देते हुए जाति सूचक शब्दों से भी नवाजा जिनमें से पीड़ित महिलाएं सोनी , किरण ,गुड़िया ,सविता रंजना मेडा सहित माधुरी को दबंगों ने दलित होने का एहसास कराया और दोबारा काम करने पर जान से हाथ धोने की धमकी तक देडाली परंतु इसके बावजूद भी कोतवाली प्रभारी लालगंज का कलेजा दलित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए नहीं पसीजा जबकि उसी दिन महिलाओं ने कोतवाली पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई थी लालगंज पुलिस से विश्वास उठने के बाद पीड़ित महिलाओं ने सोमवार को एसपी दरबार का रुख किया और उनके साथ हुई बदसलूकी की पूरी दास्ता एसपी महोदय को सुनाइए जहां पर महिलाओं को आश्वासन देते हुए पुलिस अधीक्षक ने मुकदमा लिखे जाने की बात कही लेकिन सबसे बड़ा सवाल यहां पर यह है कि लालगंज पुलिस की ऐसी क्या मजबूरी की एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया गया। क्या लालगंज पुलिस दबंगों के आगे घुटने टेक देती है या फिर माजरा कुछ और आखिर क्यों रियासत में सुरक्षित नहीं दलित महिलाएं ?
RAEBARELI(DALMAU)
TAHSIL CORRESPONDENT