पट्टीरहस कैथवल ग्रामसभा में बड़ा खेल। विकास के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार
ऊंचाहार रायबरेली
ऊंचाहार ब्लॉक की कुछ ग्राम पंचायतो में मनरेगा योजना में होने वाले विकास कार्यो में जमकर धांधली की जा रही है। ब्लाक की कई ग्राम पंचायतो में मनरेगा कार्यो के अन्तर्गत नाले की सफाई, इंटरलाकिंंग हो या चकमार्ग निर्माण या फिर समतलीकरण जैसे विकास कार्यो में श्रमिको की कार्य करते एक ही फोटो को कई बार अपलोड कर पैसा निकाला जा रहा है। ऐसा ही मामला ऊंचाहार ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत जानेमाने ग्राम सभा पट्टीरहस कैथवल में देखने को मिला है। इस ग्राम सभा के प्रधान और प्रतिनिधि के कारनामे बहुत ही निराले है। विकास तो होता है लेकिन उन विकास कार्यों की आड़ में जमकर धांधली भी होती है। आपको बता दें बीते दिनों से पट्टी रहस कैथवल ग्राम सभा में मनरेगा द्वारा कार्य चल रहा है। जिसमें कार्य कर रहे मजदूरों के अलावा भी कुछ ऐसे लोगों की ऑनलाइन हाजिरी लगाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। जो काम पर ही नहीं है। बीते वर्षों से मनरेगा द्वारा कराए गए कार्यों की स्थिति को देखते हुए अंदेशा लगाया जा सकता है कि इस ग्राम सभा में लाखों रुपए का बंदबांट हुआ होगा। आपको बता दें कि बीते छः तारीख से लेकर आठ तारीख तक चक मार्ग निर्माण उमेश के खेत से जियालाल के खेत तक और श्री राम के खेत से खड़ंजा मार्ग तक के कार्य में 161 मजदूरों की हाजिरी में जिओ टैगिंग किए गए फोटो को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है। कि फर्जी हाजिरी लगाकर प्रधान व प्रतिनिधि द्वारा अपने चहेतो को बिना मजदूरी के ही भुगतान किया जाएगा। वहीं सूत्रों की माने तो अनुज उपाध्याय जोकि पूर्व में ग्राम प्रधान का दायित्व संभाल संभाले हुए थे। वर्तमान समय के ग्राम प्रधान के करीबी होने के वजह से ग्रामसभा का प्रतिनिधित्व अनुज उपाध्याय के हाथ में है। जिसका फायदा उठा कर प्रतिनिधि ग्रामसभा में होने वाले कराए गए कार्यों के होने भुगतान में बराबर की हिस्सेदारी का फायदा उठा रहे है। ठीक ऐसे ही मनरेगा कार्यों में प्रतिनिधि अपने चहेतो व रिश्तेदारों को बिना कार्य कराए ही श्रमिको के कार्य करते हुए एक ही फोटो को कई बार अपलोड कर लाखों रुपये निकाल लिए जाएंगे। वहीं प्रतिनिधि के राजनैतिक पकड़ और रसूख के आगे सक्षम अधिकारी भी नतमस्तक रहते है। ऐसे ही कुछ ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों को श्रमिको की फर्जी फोटो अपलोड करने में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर कोई जानकारी ही नहीं है। ऐसे ही ग्रामसभाओं हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी फोन के माध्यम से लगातार ऊंचाहार ब्लॉक में तैनात एपीओ आकांक्षा त्रिपाठी को दी जा रही थी।जिसके बावजूद ग्रामसभाओं में जांच कराने के बजाय नजरअंदाज करती नजर आई।