CRS NEWS: लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए एक बड़ी राहत के तहत, भारतीय सेना ने अग्रिम चौकियों तक रसद और अन्य आपूर्ति पहुंचाने के लिए एक निजी कंपनी के साथ अनुबंध किया है। सर्दियों के मौसम में, जब भारी बर्फबारी के कारण ये चौकियां बाकी क्षेत्रों से कट जाती हैं, निजी हेलीकॉप्टर सेना की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर लद्दाख के द्रास, कारगिल, बटालिक, और कश्मीर के गुरेज क्षेत्र के साथ-साथ डोडा और किश्तवाड़ जिलों में सेवाएं देंगे। यह अनुबंध सर्दियों के दौरान 150 दिनों के लिए किया गया है। इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग सैनिकों और साजो-सामान को पहुंचाने, छुट्टी पर जाने वाले सैनिकों को लाने-ले जाने, और घायलों व बीमार जवानों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में किया जाएगा।
सेना के उत्तरी कमान के प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल के अनुसार, “निजी हेलीकॉप्टरों की तैनाती अग्रिम इलाकों में व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। ये हेलीकॉप्टर भोजन, ईंधन, और चिकित्सा आपूर्ति को सुचारू रूप से चौकियों तक पहुंचाएंगे, जिससे जवानों को कठिन मौसम में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।”
सेना के मौजूदा चीता और चेतक हेलीकॉप्टर पिछले कई दशकों से सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनके पुराने हो जाने के कारण नई व्यवस्था लागू करना जरूरी हो गया था। सर्दियों के दौरान हिमस्खलन और ठंड से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सैनिकों की चुनौतियां और बढ़ जाती हैं। नई हेलीकॉप्टर सेवाएं इन कठिनाइयों को कम करने में मददगार साबित होंगी।
निजी हेलीकॉप्टर सेवाएं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की 44 अग्रिम चौकियों तक संचालित की जाएंगी। इसके अलावा, जम्मू में कुछ ऐसी चौकियां भी हैं, जो पूरे साल इस सेवा से जुड़ी रहेंगी। यह पहल सुनिश्चित करेगी कि सैनिकों को जरूरी आपूर्ति समय पर मिले और उनके जीवन की रक्षा के लिए त्वरित कदम उठाए जा सकें।
यह कदम न केवल सेना की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि नई तकनीक और सेवाओं के उपयोग से सेना की तैयारियों को और मजबूत करेगा। हिमालयन हेली सर्विस के सहयोग से शुरू की गई यह पहल, सैनिकों की चुनौतियों को कम करने और देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में मील का पत्थर साबित होगी।
CORRESPONDENT
RAEBARELI