CRS NEWS रायबरेली: समाज कल्याण विभाग के कार्यों में गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुई हैं, जहाँ एक ओर जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर पेंशन रोक दी गई है, वहीं दूसरी ओर मृतकों को पेंशन दी जा रही है। यह मामला रायबरेली जिले के डीह ब्लॉक के बहुतई ग्राम पंचायत से सामने आया है, जहाँ मृतक दयाराम के खाते में उनकी मौत के दो साल बाद भी पेंशन भेजी जा रही है।
ग्राम पंचायत निवासी राजेश कुमार द्वारा जिलाधिकारी (डीएम) को लिखे शिकायती पत्र में बताया गया है कि उनके गांव के दयाराम की मौत दो साल पहले हो चुकी है, फिर भी समाज कल्याण विभाग उनके खाते में पेंशन भेज रहा है। यह सिलसिला उनकी मृत्यु के बाद भी जारी है, और 11 सितंबर 2024 को भी उनके खाते में पेंशन डाली गई। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है, परंतु विभागीय अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
इसी पंचायत के नसीराबाद भुल्लर निवासी देवकली का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। देवकली को दस्तावेजों में मृत दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी गई। महिला को आधिकारिक तौर पर 15 अक्टूबर 1990 को मृत घोषित किया गया, और 26 अप्रैल 2024 को उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। देवकली जब सरकारी दफ्तरों में जीवित होने का प्रमाण देने पहुँचीं, तो उन्हें इस धोखाधड़ी का पता चला। पिछले छह महीनों से वह अपनी जीवित स्थिति को साबित करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रही हैं।
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने एक जांच टीम गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच से पहले ही एक और मामला उसी पंचायत से सामने आया है, जहाँ मृतक को पेंशन दी जा रही है। अब देखना होगा कि इन गंभीर आरोपों पर क्या कार्यवाही की जाती है और पीड़ितों को न्याय कब मिलेगा।
समाज कल्याण विभाग द्वारा पेंशन वितरण में हुई ये अनियमितताएँ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती हैं। ज़रूरतमंद वृद्धजन, जो वास्तव में पेंशन के हकदार हैं, उन्हें विभागीय प्रक्रियाओं में उलझाकर उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है, जबकि मृतकों के खातों में पेंशन भेजी जा रही है।
CORRESPONDENT
RAEBARELI