
बामूताबिक 9 जमादि अव्वल 1447 हिजरी को खानकाहे करीमियां आस्ताने अशरफिया सलोन में रूहानी 348 वा उर्स में गागर की रस्म मनाई गई ।
गागर की ये रस्म महबूहे इलाही हसरत निजामुद्दीन औलिया र.अ. से होते हुए ताजुल औलिया हजरत पीर अब्दुल करीम मानिकपुर तक ये रस्म पहुंची और उनके बाद उनके जानशीन शैखुल इस्लाम हजरत शाह पीर मोहम्मद सलोनवी र.अ. ने इस रस्म को अपने पीरो मुर्शीद पीर अब्दुल करीम मानिकपुर नक्शे कदम पर चलते हुए इस महफिल को अपनी शानो शौकत से मनाते रहे । और ये रस्म आज हजरत शाह मोहम्मद खालिद अता मियां साहब और हजरत शाह मुहम्मद अशरफ अता मियां साहब इमामे सलोन अपने जद्द आला की रस्म को याद करते हुए उसी शानो शौकत के साथ गागर की रस्म को मनाया।

RAEBARELI(SALON)
TAHSIL CORRESPONDENT












