CRS Agency(अयोध्या)| देवी-देवताओं पर जेएनयू कुलपति के बयान के बाद अयोध्या के संत भड़क उठे और काफ़ी नाराक्स्गी भी देखने को मिल रही है| संतों ने कहा है कि वे इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और जेएनयू की कुलपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग करेंगे| भगवान को लेकर जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित के बयान से अयोध्या के संतों ने हिंदुओं से कुलपति के खिलाफ हर ज़िले में एफआईआर दर्ज कराने की अपील की है|
क्या कहा था कुलपति ने-
जेएनयू कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को कहा था कि मानव-विज्ञान की दृष्टि से देवता उच्च जाति से नहीं हैं और यहां तक कि भगवान शिव भी अनुसूचित जाति या जनजाति से हो सकते हैं| उन्होंने कहा कि मैं सभी महिलाओं को बता दूं कि मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं इसलिए कोई भी महिला यह दावा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्मण या कुछ और है और आपको जाति केवल पिता से या विवाह के ज़रिये पति की मिलती है| मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जो असाधारण रूप से प्रतिगामी है| नौ साल के एक दलित लड़के के साथ हाल ही में हुई जातीय हिंसा की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी भगवान ऊंची जाति का नहीं है. उन्होंने कहा, ‘आप में से अधिकांश को हमारे देवताओं की उत्पत्ति को मानव विज्ञान की दृष्टि से जानना चाहिए| कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं है, सबसे ऊंचा क्षत्रिय है| भगवान शिव अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होने चाहिए क्योंकि वह एक सांप के साथ एक श्मशान में बैठते हैं और उनके पास पहनने के लिए बहुत कम कपड़े हैं| मुझे नहीं लगता कि ब्राह्मण श्मशान में बैठ सकते हैं.|
संतों ने क्या कहा-
कुलपति के बयान पर हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि समाज की व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए वर्ण व्यवस्था किया गया था, मगर जेएनयू की कुलपति महोदया भगवान को जाति में बांट रही है| हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि जेएनयू की कुलपति का बयान साधु समाज और हिंदू जनमानस को अपमानित करने वाला है| यह एक सस्ती लोकप्रियता का ज़रिया बनता जा रहा है| टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग और समाजद्रोही लोग सनातन संस्कृत को अपमानित करने का काम अब तीखी ज़ुबान से करते हैं| हम इनके बयान की निदां करते हैं| जेएनयू की कुलपति के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया जाए| हिंदू संगठनों से अपील करते हुए राजू दास ने कहा कि ऐसे लोग जो सनातन धर्म पर लगातार हमला कर रहे हैं, उनके ऊपर हर ज़िले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए|
वहीं, तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंसाचार्य ने कहा कि भगवान जाति से ऊपर हैं| परमात्मा सब के हैं| इस तरह की टिप्पणी भगवान शिव के लिए बर्दाश्त नहीं की जाएगी| जगदगुरु परामहंसाचार्य ने कहा कि उनको सनातन धर्म की जानकारी नहीं है| पहले चारों वेदों को पढ़ करके उस पर जानकारी लें| कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो जल्द ही संत समाज प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जेएनयू से हटवाने के लिए प्रयास करेगा|