CRS Agency। सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक सरकारी स्कूल के छात्र के हाथ में थाली है जिसमें पूड़ी, पनीर की सब्जी, आइसक्रीम और सेब जैसी चीज़ें हैं। अब इस तस्वीर को इस नाम से वायरल किया जा रहा कि उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील चीज़ें खिलाई जा रही हैं। लेकिन क्या हक़ीक़त में मिड-डे मील में इतना पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना खिलाया जस रहा है?? इस तस्वीर के सहारे उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तुलना दिल्ली के सरकारी स्कूलों से की जा रही है। इस तस्वीर के साथ लोग फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावा करने लगे कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार में सरकारी स्कूलों में यह मिड-डे मील दिया जा रहा है। जैसे साध्वी प्राची ने भी वायरल तस्वीर के सहारे एक पोस्ट कर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल का मिड डे मील अगर दिल्ली के किसी विद्यालय में ऐसा होता तो अंतराष्ट्रीय अखबारों में सुर्खियां बनाई जाती।’ वहीं उन्होंने एक ट्वीट को रिट्वीट किया।
ट्वीट-रिट्वीट के बाद ये तस्वीर वायरल हो गयी और उत्तरप्रदेश सरकार की तारीफ़ होने लगी। साथ ही दिल्ली सरकार के भी मज़े लिए जाने लगे। लेकिन जब क्राइम रिपोर्ट सर्च न्यूज़ एजेंसी ने इसकी पड़ताल की तो इसका सच कुछ और ही निकला।
क्या निकला पड़ताल में-
दरअसल वायरल तस्वीर जालौन के ग्राम-पंचायत मलकपुरा के एक स्कूल की है, जहां एक स्पॉन्सर्ड व्यवस्था है जिसका नाम ‘तिथि भोजन’ है। युवा प्रधान अमित इसका ज़रिया बने हैं, जो ग्राम पंचायत व्यवस्था में अपने अभिनव प्रयोगों के लिए मशहूर हैं। ‘तिथि भोजन’ का मतलब यह है कि अगर आपका जन्मदिन है और आप अपनी मर्ज़ी से वहां के स्कूल के मिड-डे मील के तिथि भोजन को स्पॉन्सर्ड कर सकते हैं, और वहां के बच्चों के पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन करा सकते हैं।
आपको बताते चलें कि वायरल तस्वीर 31 अगस्त के तिथि भोजन की है। इसकी जानकारी अमित ने अपनी फेसबुक पोस्ट्स में तीन तस्वीरों के माध्यम से दी है।
स्पॉन्सर्ड तिथि भोजन के मेन्यू में पूड़ी, मटर-पनीर की सब्ज़ी, सलाद, मिल्क शेक, सेब और आइसक्रीम शामिल थी। अमित जो तीन पोस्ट की हैं उनमें से दो तो वो हैं जो वायरल हो रही हैं जबकि तीसरी तस्वीर में में स्कूल के बच्चे एक पोस्टर लेकर खड़े हैं। इसमें वे खास तिथि भोजन के लिए किसी सौरभ भैया को उनके जन्मदिन की बधाई भी दे रहे हैं।