Report- CRS रायबरेली 28 मार्च, 2022 मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देशानुसार तथा मा0 जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली अब्दुल शाहिद के अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली द्वारा पराविधिक स्वयं सेवकों का प्रशिक्षण का कार्यक्रम दीवानी न्यायालय परिसर रायबरेली में आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य दाम्पत्य विवादों के प्री-लिटिगेशन स्तर पर निस्तारण हेतु आमजन को जागरूक करने एवं उनसे प्रार्थना पत्र प्राप्त करने के लिए पराविधिक स्वयं सेवकों का संवेदीकरण था। कार्यक्रम का उद्घाटन अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश श्री अब्दुल शाहिद द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। जनपद न्यायाधीश द्वारा पराविधिक स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए बताया गया कि वैवाहिक विवाद के मामलों में पारिवारिक जीवन, समय तथा धन की बर्बादी होती है जिसकी कभी वापसी नहीं होती है। प्री-लिटिगेशन स्तर पर ही वैवाहिक विवादों का निस्तारण कराकर इनसे बचा जा सकता है। प्री-लिटिगेशन स्तर पर वैवाहिक विवादों के अधिकाधिक निस्तारण में पराविधिक स्वयं सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। न्याय व्यवस्था में आमजन व वादकारियों का हित सर्वोच्च होता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम जैगम उद्दीन, विशेष न्यायाधीश (एस0सी0एस0टी0 एक्ट) अरुण कुमार मल्ल व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमित कुमार, प्रशिक्षु पी0सी0एस0 अधिकारी कार्तिकेय सिंह, मीडियेटर रामकुमार सिंह, राजेश प्रताप सिंह, देव नरायण पाल व विजय कुमार वर्मा व पराविधिक स्वयं सेवक गण उपस्थित रहे।
वैवाहिक विवादों के अधिकाधिक निस्तारण में पराविधिक स्वयं सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका: जिला जज