मतदान के दौरान मतपत्र क्षतिग्रस्त और कई गांवों में विरोधी गुटों ने एक-दूसरे पर बम फेंके
CRS AGENCY। पश्चिम बंगाल में शनिवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा में 12 लोग मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि मतदान के दौरान मतपत्र क्षतिग्रस्त किए गए और कई गांवों में विरोधी गुटों ने एक-दूसरे पर बम फेंके गए। 2003 के पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में 76 लोगों की मौत हुई थी और अकेले मतदान वाले दिन 40 लोग मारे गए थे। पिछले महीने चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद से पश्चिम बंगाल में 30 लोग मारे गए। इससे पहले 2018 के चुनाव में भी इतनी ही संख्या में लोगों की मौत हुई थी। हिंसा के कारण राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि मध्यरात्रि से हिंसा में मारे गए लोगों में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के आठ सदस्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के एक-एक कार्यकर्ता शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ था और लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे तक 66.28 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मतदान के गति पकड़ने के साथ राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. टीएमसी की वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी.” उन्होंने केंद्रीय बलों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मांग की है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न होना बहुत मुश्किल है। यह तभी संभव है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए या अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल किया जाए। हालांकि, टीएमसी ने एक बयान में कहा, ‘‘यदि तृणमूल कांग्रेस वास्तव में हिंसा भड़काती है, तो उनके कार्यकर्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाता और उनकी हत्या क्यों की जाती है। विपक्ष ने हार मान ली है और अब वह मीडिया में अपने सहयोगियों का इस्तेमाल करके यह कहानी गढ़ने का प्रयास कर रहा है कि हिंसा ने चुनाव को किस तरह प्रभावित किया। बयान में कहा गया कि पूरे पश्चिम बंगाल में 60 हजार से अधिक बूथ हैं लेकिन केवल 60 बूथ पर ही मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवधान पड़ा है।