रिपोर्ट मोहम्मद जावेद
रायबरीली
दीनशाहगौरा/भगवन्तपुर चन्दनिहा (रायबरेली) 12 सित.। भवसागर से पार जाने की सरल साधना (सुरत शब्द योग) का भेद बताने वाले युग दृष्टा सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी एवं जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज अपने 11 जिलों व 108 दिनों के शाकाहार-सदाचार, मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ कल सायंकाल 16वें पड़ाव पर दीनशाहगौरा ब्लाक के भगवन्तपुर चन्दनिहा गांव पधारे। घण्टों से बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हजारों की संख्या में उपस्थित स्थानीय भाई-बहनों ने लगभग एक रंग के परिधान पहन कर, कलशों, फूलमाला व बैण्डबाजे के साथ समस्त यात्रियों का स्वागत किया। आज यहां सत्संग समारोह का आयोजन हुआ।
अपना प्रवचन करते हुये पूज्य महाराज जी ने कहा कि सन्तों, महात्माओं के सत्संग में किसी व्यक्ति विशेष जाति धर्म की आलोचना नहीं की जाती बल्कि यहां तो भगवान की भक्ति के प्रति, प्रेम और प्यार पैदा किया जाता है। सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है। सत्संग से ही विवेक जागृत होता है और सत्संग से ही मानव जीवन पाने का लक्ष्य का ज्ञान होता है।
महाराज जी ने स्मरण कराया कि यहां पैदा होने से पहले सबने प्रभु भजन करने का वादा किया था। लेकिन जब कुछ बड़े हुये तो जीवन पाने का असली वादा भूल कर दुनिया की लज्जत में सुख ढूढ़ने लगे। अब आप को बोध नहीं रहा कि पैदा होने से पहले हम कहां थे मृत्यु के बाद लोग कहां जा रहे हैं इसका संचालनकर्ता और नियन्ता कौन है, यह जीवन का जटिल प्रश्न है इनका हल तब तक नहीं होगा जब तक प्रभु के प्राप्त करने वाले सन्त महात्मा फकीर न मिल जायें। परमात्मा ने सबको कर्म करने की पूरी आजादी दे दी लेकिन फल भोगने में आप परतंत्र हैं। अमानवीय कार्यों के करने के कारण जीवात्माओं को नर्कों में कठोर यातनायें मिल रही हैं और मिलेंगी। ‘‘लौह के खम्भ तपत के माहीं जहां जीव को ले चिपटाही’’ सहजो बाई की पंक्ति को उद्धृत करते हुये उन्होंने कहा कि वहां लोहे के खम्भे तप कर लाल हो रहे हैं। जिसमें खोटे बुरे कर्म करने वाले जीव चिपटाये जाते हैं और उनके रोने-चिल्लाने की आवाज लाखों मील तक जाती है और कोई बचाने वाला नहीं है। आप सोच सकते हैं कि जब यह शरीर यहीं छूट गया तो सजा किसे मिलती है। इस स्थूल शरीर के अलावा इसी से मिलता-जुलता लिंग शरीर भी है। जिसमें जीव सजा पाता है इसलिये इन भयानक कष्टों से बचने के लिये अच्छे कर्म कीजिये। शाकाहारी-सदाचारी रहिये और शराब जैसे आदि नशों का त्याग करिये। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव ने आवाज लगाई ‘‘ऐ इन्सानों! तुम अपने दीन-ईमान पर वापस आ जाओ और इस जिस्मानी मस्जिद में बैठ कर खुदा की सच्ची इबादत करो ताकि तुम्हारी आत्मा/रूह नर्कों/दोजखों में जाने से बच जाये।
शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था स्थापति करने में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। उन्होंने आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में आयोजित होने वाले 75वें पावन वार्षिक भण्डारा सज्संग मेला में आने का निमन्त्रण दिया।
इस अवसर पर जिला रायबरेली के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह, तह. अध्यक्ष सुरेश यादव, धर्मेन्द्र सिंह ‘पप्पू’, ब्लाक अध्यक्ष शिव प्रकाश ‘बब्बू’, शिवबरन मौर्य, दीनानाथ यादव, प्रधान शिव बहादुर यादव, महेन्द्र यादव, अरविन्द यादव, मंजू यादव, शिव मोहन मौर्या, श्री प्रेमचन्द आदि के साथ संस्था के कई पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे। सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले कार्यक्रम ग्राम कुत्तूपुर ब्लाक दीनशाह गौरा के लिये प्रस्थान कर गई। जहाँ कल (आज) दिन के 11 बजे से सत्संग समारोह निर्धारित है।
RAEBARELI(DALMAU)
TAHSIL CORRESPONDENT