CRS NEWS रायबरेली खबर लखीमपुर खीरी से – जनपद लखीमपुर के गौरिया गांव के होनहार युवा मुनीर खान ने अपनी कड़ी मेहनत और जुनून से गांव से लेकर अमेरिका तक का सफर तय कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मुनीर ने न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद, वर्तमान में विश्वप्रसिद्ध हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अप्लाइड साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं, जहां वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज़ पर रिसर्च कर रहे हैं।
कैडर टेक्नोलॉजी सर्विसेज एल.एल.सी. की स्थापना
फरवरी 2024 में, मुनीर खान ने अपनी कंपनी कैडर टेक्नोलॉजी सर्विसेज एल.एल.सी. की स्थापना की, जिसके तहत वे एक ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चश्मे पर काम कर रहे हैं, जो पूरी तरह से अंधे व्यक्तियों को भी सामान्य दैनिक कार्य करने में सक्षम बनाएगा। इस चश्मे की मदद से 100% ब्लाइंड व्यक्ति चेहरे पहचानने, किताबें पढ़ने जैसे कार्य कर सकेंगे, जो कि दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला कदम साबित हो सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट स्टार्टअप फाउंडर क्लब में चयन
मुनीर की इस विशेष खोज के लिए उन्हें 26 अगस्त 2024 को दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट द्वारा माइक्रोसॉफ्ट स्टार्टअप फाउंडर क्लब प्रोग्राम में चयनित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत, मुनीर को माइक्रोसॉफ्ट की ओर से तकनीकी सहायता, मेंटरशिप, और रिसर्च के लिए विशेष संसाधन प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही, माइक्रोसॉफ्ट के सिएटल, वॉशिंगटन स्थित ऑफिस में एक विशेष लैब तैयार करने में भी मदद की जाएगी, ताकि उनकी तकनीक को और तेजी से विकसित किया जा सके।
भारत में भी किया विस्तार
मुनीर खान ने 26 अगस्त 2024 को ही कैडर टेक (इंडिया) Pvt Ltd के नाम से अपना एक ऑफिस नवी मुंबई, महाराष्ट्र में खोला है। इस ऑफिस के माध्यम से भारतीय युवाओं को भी अवसर प्रदान किए जाएंगे, ताकि देश में भी तकनीकी उन्नति को बढ़ावा मिल सके। मुनीर के इस कदम से भारत के युवा भी नवीनतम तकनीक के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे।
मुनीर खान की प्रतिक्रिया
माइक्रोसॉफ्ट के इस विशेष प्रोग्राम में चयनित होने पर मुनीर ने अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि यह उनके लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि वे समाज की समस्याओं को अपनी तकनीकी ज्ञान से हल करने के लिए और अधिक मेहनत करेंगे। मुनीर की इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार, बल्कि लखीमपुर के लोग भी गर्व महसूस कर रहे हैं।
मुनीर खान की यह उपलब्धि यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने में अपनी पहचान बना सकता है। उनके इस कदम से समाज में अंधविश्वास, सीमाएं और समस्याओं के समाधान के लिए तकनीकी का बेहतर उपयोग करने की दिशा में प्रेरणा मिलेगी।
CORRESPONDENT
RAEBARELI