CRS NEWS रायबरेली– भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल आज समाप्त हो गया। दो साल तक देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था का नेतृत्व करने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए, जो भारतीय लोकतंत्र और न्यायिक प्रणाली में मील का पत्थर साबित हुए हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, जस्टिस संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे।
सीजेआई चंद्रचूड़ के कार्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण फैसला जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने की वैधता को लेकर था। इसके अलावा, चुनावी फंडिंग को पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द करने और समाज में पारदर्शिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए अन्य कई अहम निर्णय उनके कार्यकाल की खास पहचान बने।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय को वैध ठहराया। इस फैसले को संवैधानिक मान्यता प्रदान कर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस कदम को मजबूती दी, जिससे जम्मू-कश्मीर का भारत संघ में पूर्ण एकीकरण सुनिश्चित हुआ। इस ऐतिहासिक फैसले को न्यायपालिका के साहसी दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जिसने देश की एकता को नया आयाम दिया है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को रद्द करने का फैसला सुनाया, जिसमें उन्होंने चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता की कमी पर जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इलेक्टोरल बॉन्ड के चलते राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदों में अनियमितता की संभावना अधिक थी, जो लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। इस निर्णय ने चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता का मार्ग प्रशस्त किया और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने का कार्य किया।
चंद्रचूड़ के कार्यकाल में केवल बड़े संवैधानिक मुद्दों पर ही नहीं, बल्कि समाज में न्याय, मानवाधिकारों और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उनके इन निर्णयों ने भारतीय न्यायिक प्रणाली को सशक्त बनाने में योगदान दिया है और समाज में न्याय की भावना को प्रबल किया है।
सीजेआई चंद्रचूड़ के साहसी निर्णय भारतीय न्यायिक इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगे। उनके कार्यकाल में दिए गए फैसलों से न केवल भारतीय न्यायपालिका का मान बढ़ा है, बल्कि समाज में न्याय और पारदर्शिता की भूमिका भी मजबूत हुई है। भारतीय लोकतंत्र में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
CORRESPONDENT
RAEBARELI