CRS AGENCY। श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर आज सुनवाई होनी है। यह सुनवाई 24 दिसंबर को होनी थी लेकिन जज की अनुपस्थिति के कारण नहीं हो सकी थी। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंचे थे। जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत को चार महीने के भीतर ही इस मामले में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। हाइकोर्ट के आदेश के बाद सुनवाई में तेज़ी देखने को मिली है।
इससे पहले क्या हुआ-
श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में पिछले साल 8 दिसंबर 2022 को हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा के न्यायालय में वाद दायर किया था। इस में श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की गई थी। इस मामले में बीते 8 दिसंबर को कोर्ट ने अमीन रिपोर्ट का आदेश दिया था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अब तक 13 मुकदमे विभिन्न अदालतों में दाखिल हैं। इनमें दो मुकदमे खारिज भी हो चुके हैं। आपको बताते चलें कि याचिकाकर्ता वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी अपील में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की है। इस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने पहले इस मामले के सुनवाई योग्य होने के बिंदु पर सुनवाई कर अपील के खिलाफ फैसला दिया था। अब इसको चुनौती देते हुए वादी ने जिला जज के यहां अपील दायर की है।
जानिए क्या है पूरा मामला-
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद अदालतों में दशकों से चल रहा है।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का ये विवाद यहां की कुल 13.37 एकड़ ज़मीन पर मालिकाना हक को लेकर है। जानकारी के अनुसार 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ हुए समझौते में 13.7 एकड़ ज़मीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों रहने की बात तय हुई थी। वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्ज़ा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस ज़मीन पर भी दावा करता है। हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये ज़मीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है।