CRS NEWS महाराष्ट। प्रदेश न्यूज ब्यो- नेहाल हसन। ठाणे मुंब्रा कौसा उलेमाओं ने निकाली एक विशाल शांतिपूर्ण विरोध रैली अमन मार्च में सभी जाति धर्म के लोगों ने हिस्सा लेकर कामयाब बनाया। उलेमाओं की अमन मार्च विरोध रैली का मकसद देश भर में अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लमानों और ईसाइयों, दलितों, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ चल रही हिंसा और अत्याचारों के खिलाफ मुंब्रा-कौसा की उलेमा समिति द्वारा शांतिपूर्ण विरोध रैली का आयोजन किया था। उलेमा के प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों विशेषकर मणिपुर और हरियाणा में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर मुस्लिम और ईसाई और महिलाओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। मणिपुर में 300 से अधिक चर्चो और धार्मिक स्थानों को जला दिया गया और नष्ट कर दिया गया। ईसाई कुकी जनजाति के सैकड़ों लोग मारे गए हैं। कुकी जनजाति की महिलाओं के खिलाफ सामूहिक बलात्कार सहित शारीरिक और यौन हिंसा के की मामले सामने आए हैं, जिनमें मुख्य रूप से ईसाई समुदाय शामिल है। पूरा मणिपुर राज्य मई 2023 से राज्य और केंद्र सरकारों की विफलताओं के कारण जल रहा है। हरियाणा में विहिप और बजरंग दल जैसे फासीवादीयों को नूहं और आस-पास के जिले में मुस्लमानों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा करने के लिए खुला छोड़ दिया गया। इन दंगाइयों द्वारा सैकड़ों मस्जिदों, दुकानों और घरों को ध्वस्त कर दिया। बंजरग दल और विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े आतंकवादियों द्वारा माब लिंचिंग के कारण मुस्लमानों की मौत के भी कई मामले सामने आए हैं। किसी भी मामले में एक भी अपराधी को न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया है। ऐसा ही एक मामला मोनू मानेसर की गिरफ्तारी नहीं हुई। देश के विभिन्न हिस्सों में दलितों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की विभिन्न घटनाएं भी देखते हैं। अपराधी कानून और सजा के डर के बिना ऐसी हिंसा को अंजाम देते हैं। ज्यादातर मामलों में उत्पीड़न चरमपंथी दक्षिणपंथी संगठनों से होते हैं। हाल ही में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा की महापंचायतों का आयोजन किया गया है जहां मुसलमानों के सामाजिक बहिष्कार और नरसंहार का आह्वान किया जा रहा है।इन सभी नरसंहार आह्वानो के परिणामस्वरूप मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा हुई है। इसकी सबसे हालिया अभिव्यक्ति जयपुर- मुंबई एक्सप्रेस गोलीबारी थी, जहां एक आरपीएफ जवान द्वारा मीना जनजाति के एक आरपीएफ अधिकारी के साथ साथ तीन मुस्लमानों को चुन-चुन कर गोली मारकर हत्या कर दी गई। उलेमा समिति ने केंद्र और राज्य सरकारों से अल्पसंख्यक समुदायों विशेषरुप से मुसलमानों ईसाइयों, बौद्धो, दलितों आदिवासियों, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की दृढ़ता से मांग करते हैं।साथ ही सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को समय पर न्याय मिले और साथ ही उनके पुनर्वास और उचित मुआवजे का प्रावधान भी किया जाए। बिना किसी भेदभाव के सभी अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए।इस शांतिपूर्ण विरोध रैली को विभिन्न धर्मों के प्रमुख धार्मिक नेताओं का समर्थन प्राप्त था। इस अमन मार्च में हजारों की संख्या में लोग शामिल थे।