CRS NEWS रायबरेली: देवरिया जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता रामेश्वर तिवारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह रोते हुए अपनी आपबीती सुना रहे हैं। रामेश्वर तिवारी ने आरोप लगाया है कि थाना लार के कुछ सिपाहियों ने उनके और उनकी बेटी के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार किया। इस घटना के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वरिष्ठ अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
रामेश्वर तिवारी के अनुसार, उनके पट्टीदारों से विवाद के चलते वह अपनी बेटी के साथ थाना लार पहुंचे थे। वहां मौजूद तीन सिपाहियों उमेश चंद्र यादव, अंकित यादव और कुश कुमार गौड़ ने न सिर्फ उनके साथ, बल्कि उनकी बेटी के साथ भी दुर्व्यवहार किया। तिवारी ने आरोप लगाया कि सिपाहियों ने उनकी बेटी के बाल खींचे और उसे जबरन थाने के अंदर ले गए। जब रामेश्वर तिवारी ने इसका विरोध किया, तो उन्हें भी एक कमरे में बंद कर बुरी तरह पीटा गया। इसके बाद उन्हें धमकी दी गई कि यदि उन्होंने किसी से कुछ कहा, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी।
इस घटना के बाद, देवरिया पुलिस प्रशासन ने आरोपी तीनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है। हालांकि, रामेश्वर तिवारी और उनकी बेटी को इस घटना से मानसिक और शारीरिक आघात का सामना करना पड़ा है। तिवारी ने बताया कि उनकी बेटी के पैर में चोट आई थी और वह लगातार रो रही थी। जब वे मेडिकल चेकअप के लिए गए, तो उन्हें दबाव में आकर कुछ न कहने को कहा गया।
रामेश्वर तिवारी ने कहा है कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष लेकर जाएंगे ताकि उन्हें और उनकी बेटी को न्याय मिल सके। इस घटना से वह बेहद आहत हैं और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
इस घटना ने न केवल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाता है कि आम नागरिकों को न्याय पाने के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रामेश्वर तिवारी जैसे संघ के कार्यकर्ता, जो समाजसेवा में लगे रहते हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है।
CORRESPONDENT
RAEBARELI