
CRS NEWS रायबरेली: रायबरेली शहर कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो आधार कार्ड में फ़र्जी पते जोड़कर बैंकों में खाता खोलता था और इन खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड से कमाए गए पैसे के लेन-देन के लिए करता था। यह गिरोह रायबरेली सहित अन्य जिलों में इस तरह की धोखाधड़ी से बैंकिंग प्रक्रियाओं को गुमराह करने का काम कर रहा था।
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब चार युवक रायबरेली के यूको बैंक में खाता खुलवाने पहुंचे। बैंक क्लर्क ने उन्हें खाता खोलने के लिए फार्म दिया, जिसे भरकर वे मैनेजर के पास गए। उनकी बोली से बैंक मैनेजर को संदेह हुआ कि ये युवक रायबरेली के नहीं हैं, जबकि दस्तावेज़ों में उनके पते रायबरेली के थे। विशेष जांच के दौरान, मैनेजर ने गारंटर बने एक युवक का खाता चेक किया, जिसमें रायबरेली का पता था, लेकिन संदेह होने पर मैनेजर ने और पूछताछ शुरू की। इस पर चारों युवक बैंक से भाग गए।
बैंक मैनेजर की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच की और पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में सुनील, अमित, अंशु, वसीम और सारिफ शामिल हैं, जिनकी पहचान बरेली निवासी के रूप में की गई है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे आधार कार्ड में फ़र्जी पते डालकर विभिन्न बैंकों में खाते खोलते थे और साइबर फ्रॉड के जरिए इन खातों में पैसे मंगवाते थे। इस तरीके से वे पुलिस जांच से बचने का प्रयास कर रहे थे।
फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। इस घटनाक्रम ने साइबर सुरक्षा और बैंकिंग सिस्टम में सतर्कता की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर किया है।

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