किसने देदी इतनी छूट प्रधान कर रहा जमकर लूट!
भ्रष्ट प्रधान को बचाने में जुटा प्रशासन खुलासा करने वाले तकनीकी सहायक को नौकरी लेने पर तुला!
वरिष्ट पत्रकार रमेश शंकर पांण्डेय
शाहजहाँपुर-जनपद की तहसील पुवायां सदैव से ही छल कपट कूट रचना कर सरकारी धन का घोटाला करने वाले फरेबियों से भरी पड़ी है निरंतर घोटाले के उजागर होने के बावजूद शासन व प्रशासन के कानों पर जूं न रेंगना बल्कि अपराधियों को ही प्रशासनिक संरक्षण देकर उल्टे भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले के विरुद्ध ही प्रताड़ना की कार्यवाही कर उसे प्रताड़ित करने की प्रवृत्ति से प्रदेश की भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवालिया निशान लगने लगा है बिना कार्य कराए विकास के धन से अपनी भूखी तिजोरियों का पेट भरने वाले ग्राम प्रधानों, सचिवो,मनरेगाआयुक्त व खण्डविकास आधिकारियों के गठजोड़ में अब जिले के आला अधिकारी भी ताल में ताल मिलाते दिख रहे हैं ग्रामीण विकास की निधि में घोटालों का सिलसिला हालांकि पूरे जनपद में कायम है महज कागजों पर कार्य पूर्ति दर्शाकर धरातल पर बिना कार्य कराये ही.धन हड़पने के अन्य मामले समय-समय पर प्रकाश में आते रहे हैं किंतु किसी भी मामले में दोषी को दंडित करने की कार्रवाई शायद ही अमल में लाई गई हो उल्टे भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले.समाजसेवी.पत्रकार गण ईमानदार सरकारी कर्मचारी ही प्रशासनिक अधिकारियों की प्रताड़ना के शिकार होते हैं बहरहाल प्रशासन की निष्क्रियता से हम अपना दायित्व नहीं छोड़ सकते भ्रष्टाचार को उजागर कर प्रशासन भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के मामले प्रकाशित.कर सरकार की आंखें खोलने का प्रयास करते रहेंगे
इसी क्रम में हम तहसील पुवाँया के विकासखंड बंडा के ग्राम सभा सैदापुर खंडपारी के प्रधान द्वारा कच्चे मार्गों का विना कार्य कराये फर्जी एम वी बनवाकर तथा उसपर तकनीकी सहायक उत्सव पाण्डेय के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 21 लारव रुपये अहारित कर गवन कर लिया! ज़ब इस मामले की शिकायत स्वय तकनीकी सहायक उत्सव पाण्डेय ने आयुक्त मनरेगा से की तो पूरे प्रकरण को दवा दिया गया! इसी मध्य मामला शोशल मीडिया से प्रकाशित होने पर मुख्य विकास अधिकारी ने इसकी जांच बंडा विकासखंड के एडियो पंचायत अखिलेश प्रताप को सौंप दी! अखिलेश प्रताप ने भी मामले को पूरा दबाने का प्रयास किया! परिणाम स्वरूप तकनीक सहायक उत्सव पांडे जिनके पास 12 ग्राम पंचायत का चार्ज था से 6 पंचायत का चार्ज छीन लिया गया और उनसे मौखिक रूप से अभिलेख जमा करने का निर्देश दिया गया! जब उन्होंने लिखित आदेश की मांग की तो उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा और तरह-तरह की धमकी दी जाने लगी! प्रशासनिक प्रताड़ना के शिकार तकनीकी सहायक उत्सव पांडे न्याय की आस में भटक रहे हैं किंतु जिला प्रशासन के स्तर पर उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है!
वहीं 21 लाख का घोटाला करने वाला प्रधान ताल ठोक कर कह रहा है किसी माई के लाल में दम हो तो मेरे खिलाफ कार्रवाई करके दिखाएं! यह है उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंसकी नीति का खेल! सक्रियता को लेकर नितण अखबारी सुर्खियों में छाये रहने वाले शाहजहँपुर के जिला अधिकारी आखिर इस मामले में खामोश क्यों है ? एक बड़ा सवाल!