बकरा (मटन) बीमार तो नहीं जिसका गोस्त बिना किसी चेकिंग के धड़ल्ले से बिक रहा है!
CRS तिलहर/शाहजहाँपुर-भैंस यानि काला जानवर जिसके गोश्त की बिक्री पर अक्सर बबाल के सीथ प्रतिबंध भी लगता रहता है! संभल बदायूँ तो कभी रामपुर से भी नगर में आने की चर्चा रही है! कितना एक नम्बर में आ रहा है और गाड़ियाँ यहाँ कितना लेकर पहुंचती हैं आदि बहुत सारी बाते अक्सर सुर्खियों में रहती रही है लेकिन कभी मटन रूप में काट कर बिकने वाले बकरे पर चर्चा नही होती कि जहाँ छोटा बच्चा काट कर धड़ल्ले से बेचा जारहा है मंहगे दामो पर वहाँ लाईसेंस है या नही! गोश्त की बिक्री के नाम पर जम कर राजनीति होती जरुर है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा अब तक!
वहीं मटन के रूप में बिकने वाले बकरा के गोश्त का क्या मामला है इससे प्रशासन को बिल्कुल भी मतलब नही कि बकरा जो काट रहा है वो बीमार है लगड़ा लूला है कि किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है आदि कोई और ऐसा नुक्स जिसे खाकर इंसान बीमार पड़ सकता है! काट कर बेचने बाली दुकान का लाईसेंस रिन्यूवल है या नही एक लाईसेंस पर कितनी ही दुकाने चल रही है’ इससे प्रशासन को फिलहाल कोई मतलब नही!
बताया जा रहा है गोश्त के मामले में कानून बनने के साथ शुरुआती दौर में नगर में भैंस बेचने के साथ-सा द बकरा बेचे जाने के भी नगर पालिका द्वारा लाइसेंस बनाए गए थे लेकिन दुकाने कहाँ खोलनी है और कहाँ नही इस मानक पर आज भी गौर नही किया गया जबकि एक ही लाईसेंस पर बकरे की कई दुकाने नगर में संचलित हैं!