डलमऊ रायबरेली-
देवोत्थान एकादशी से संबंधित सामग्री बाजार में खूब बिक रही है। देवोत्थान एकादशी को ज्यादातर (जिठूआन) के नाम से भी जाना जाता है लोगों का ज्यादा जोर गन्ने की खरीदारी पर है। क्योंकि गन्ने को चूसना शुभ माना जाता।
देवोत्थान एकादशी पर्व की तैयारी हो चुकी है। गावो में इससे संबंधित सामग्री बिक रही है। ज्यादा जोर गन्ने की खरीदारी पर है। देवोत्थान एकादशी शुक्रवार को है। इस पर्व पर तुलसी और शालिग्राम का विवाह होता है। माना जाता है कि चार माह बाद विष्णु निद्रा से उठेंगे। इस दिन काफी लोग व्रत उपवास रहेंगे। गन्ने को
चूसना शुभ माना जाता है। इसलिए गन्ने की बिक्री बाजारों में खूब हो रही है। डलमऊ क्षेत्र व आसपास के बाजारों में कई दुकानदार गन्ना बेच रहे हैं। इसके साथ ही सिंघाड़ा, शकरकंद की बिक्री भी बढ़ी है। इस दिन गन्ने की पूजा भी की जाती है एकादशी के बाद ही गन्ना काटते है किसान। लोगो ने बताया है देवउठनी एकादशी के दिन किसान गन्ने की नई फसल की कटाई का काम शुरू करते है इस दीन से पहले कोई भी किसान गन्ने के एक भी पौधे को हाथ तक नही लगाता है इस दिन से लोग गुड़ का सेवन करना शुरू करते है गुड़ को गन्ने के रस से बनाया जाता है इसलिए इस दिन गन्ने की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है गुरुवार को जोहवा नटकी गांव में गन्ना व सिंघाड़ा की दुकान सजाकर लगा दिया गया ।जोहवा नटकी गांव में सिंघाड़ा बेच रहे दुकान दार संतोष ने बताया है अबकी बार बारिश ज्यादा नही होने के कारण सिंघाड़ा तैयार नही हो पाया है हम लोगो ने जो सिंघाड़े की बेड डाली थी अभी तैयार होने में लेट इसलिए हम लोग खरीद कर बेच रहे है यही वजह से 80रुपये के आधा किलो व गन्ना 10 से 30 रुपये प्रति गन्ना के हिसाब से बिक्री किया गया जा रहा हैं महंगा होने का यही कारण हैं।