सलोन रायबरेली
शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही।आने वाले मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही है।डॉक्टरों के मनमानी से मरीजों के जेब ढीली हो रही है।आपको बताते चलें कि मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलोन का है।जहां मौजूद डॉक्टरों द्वारा कमीशन के चक्कर में बाहर की दवाई लिख कर मरीजों की जेब पर भारी पड़ रहा है।जबकि इन दिनों भीषण गर्मी के कारण मरीजों में बढ़ोतरी हुई है।सरकारी अस्पतालों में निर्धन ही इलाज करवाने आते हैं।जिन्हें सरकारी दवाई न देकर अधिक कमीशन की महंगी दवाई लिखी जाती है।मंगलवार को रामधनी बाबू का पुरवा ने बताया कि आंख मे कुछ दिक्कत थी जिसको दिखाने आया था।तो डॉक्टर ने बाहर से दवा लिख दिया।जिसकी एक पर्ची बना दी और बाहर लेने गया तो 306 रुपये की दवा मिली।इसी तरह एक महिला आई इलाज कराने आयी तो उसको भी बाहर से दवा लिखी गई।जो 120 रुपये की मिली।ऐसे और कई मरीज हैं जिनको बाहर की धड़ल्ले से दवाएं लिखी जा रही है।अब देखना है कि उच्च अधिकारी इस पर क्या कार्रवाई करते हैं या ऐसे ही गरीबों की जेब पर डाका डाला जाएगा।
RAEBARELI(SALON)
TAHSIL CORRESPONDENT