CRS NEWS रायबरेली: भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और किसान आंदोलन के प्रमुख नेता पं. अमोल शर्मा की याद में हर वर्ष आयोजित होने वाली कलश यात्रा इस बार भी पूरे सम्मान और उत्साह के साथ संपन्न हुई। यह यात्रा गदागंज से शुरू होकर रायबरेली के शहीद स्मारक तक पहुंची।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. अमोल शर्मा, जिनका जीवन अंग्रेजों के दमनकारी शासन के खिलाफ संघर्षों से भरा रहा, को याद करते हुए सैकड़ों ग्रामीणों, अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों ने उनकी वीरता को नमन किया। मुंशीगंज गोलीकांड में पं. अमोल शर्मा ने बाबा जानकी दास और अन्य क्रांतिकारियों के साथ किसानों के अधिकारों और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। सई नदी पर हुए संघर्ष ने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में नया अध्याय लिखा, जहां अंग्रेजों के खिलाफ हजारों किसानों ने वीरता का परिचय दिया।
यात्रा की शुरुआत गंगा के पवित्र तट से जल लेकर की गई। इस अवसर पर पं. अमोल शर्मा के सम्मान में गदागंज थाने के मंदिर पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में एसडीएम डलमऊ अभिषेक वर्मा, बीडीओ दीन शाह गौरा अशोक सचान, गदागंज थाना प्रभारी पंकज त्यागी, व्यापार मंडल अध्यक्ष इंतजार सिंह और कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाकर शहीद स्मारक के लिए रवाना किया गया।
पं. अमोल शर्मा, बाबा जानकी दास और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को याद करते हुए वक्ताओं ने उनके गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन वीर सपूतों के योगदान के बावजूद, उनके गांव आज भी स्कूल, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायबरेली में रेल कोच कारखाना के उद्घाटन के दौरान इन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने का उल्लेख किया गया था। अब यह देखना शेष है कि उनके गांवों को विकास की मुख्यधारा में कब शामिल किया जाएगा।
कलश यात्रा में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं ने भी भाग लिया। यह आयोजन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की अमर गाथाओं को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने का प्रयास है।


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