मिड्डेमील खाना बनाने के लिए स्कूल प्रबन्धक बच्चो से ढुलवा रहे हैं गोबर के उपले!
CRS तिलहर/शाहजहाँपुर-सारे बदलाव के बाद भी शिक्षा नीति में, मिड्डेमील का खाना बनाने के लिए बच्चो से गोबर के उपले उठवाना शामिल नही किया गया है लेकिन स्कूल प्रबन्धन की हठ धर्मी के चलते ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलो में स्कूल की ड्रेस पहने बच्चे गोबर के उपले भले तसले अपने सर रखे ढ़ोते नज़र आ जाते हैं!
स्थाई पद पर बैठे BRC की भुमिका निभाने वाले स्वंय को ब्लाक भर के स्कूलो का प्रबन्धन शायद इसी तर्ज पर इस लिए करते नज़र आते हैं कि दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र में कलेक्टर साहब निरिक्षण करने नही पहुंचते हैं! स्कूल गेट पर लिखे CUG नम्बर पर मौखिक रूप से इसकी शिकायत करने पर सीधा और सटीक जबाब मिलता है कि आप वहाँ पहुंचे कैसे.?
मै प्रबन्धक हूँ और प्रतिदिन ते हर स्कूल का निरक्षण नही कर सकता!
आज ऐसा ही एक बाकेया तिलहर ब्लाक की जोगीपुर ग्राम पंचायत के गांव हुसैनापुर में देखने को मिल गया! गांव जोगीपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के गेट के सामने देव स्थान पर खड़े कुछ लोगो ने देखा कि एक बच्ची स्कूल की ड्रेस में सर गोबर के उपलो से भरा तसला लेकर स्कूल में घुसी और मिड्डेमील रसोई के पास जाकर उतारने लगी! ये लगभग दिन के दस बजे का समय था और स्कूल में कोई टीचर नही था!
स्कूल गेट पर लिखे CUG नम्बर पर जब इस मामले को बताने का प्रयास किया गया तो सामने वाले ने स्वंय को ब्लाक भर के स्कूलो का प्रबन्धक बताते हुए सटीक जबाब में धमकी दी कि आप वहाँ पहुंचे कैसे..? हांलाकि दोष उनका नही जो लम्बी दूरी से आ कर स्कूल में पढ़ा रहे है़ं, दोष उनका जरुर है जो कार्यालयों में स्वंय को ब्लाक भर का प्रबन्धक बता कर बच्चो की शिक्षा और उसके मानक को ताक पर रख कर हर महीने वेतन के रूप में सरकार के खजाने ले हजारो रुपया निकलने में कामयाब हो रहे हैं!
