डलमऊ रायबरेली
प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लाखों रुपए की लागत से गांव में बनाए गए सामुदायिक शौचालय सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं मेंटेनेंस रखरखाव के नाम पर प्रतिमा ₹9000 खर्च किए जा रहे हैं लेकिन ग्रामीण उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी यह योजना सिर्फ प्रदेश सरकार को ठेंगा दिखा रही है विकासखंड डलमऊ के सभी 76 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण वित्त आयोग एवं मनरेगा से निर्मित होने वाले सामुदायिक शौचालय जो 2020 में बनकर तैयार हो गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
कर कमलों के द्वारा इनका लोकार्पण भी कर दिया गया है पंचायती राज विभाग को इनके रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी दी गई प्रत्येक गांव में स्वयं सहायता समूह को इसका भुगतान किया जा रहा है दलित बस्तियों में निर्मित यह शौचालय सिर्फ दिखावा ही साबित हो रहे हैं डलमऊ के बरारा बुजुर्ग में बना हुआ सामुदायिक शौचालय कई माह से नहीं खुला ताला लटकता रहता है ग्रामीणों का आरोप है कि देखने वाला कोई नहीं है इस समूह को जिम्मेदारी दी गई है वह काम नहीं कर रहे हैं ग्रामीण देशराज अरविंद राजकुमार अनिल ने बताया कि कई माह से यहां का ताला नहीं खुला है कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत भी हुई लेकिन कार्यवाही नहीं हुई ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ प्रतिमाह भुगतान कर दिया जा रहा है योगी आदित्यनाथ के एक बार फिर शपथ लेने के बाद लग रहा था कि सभी विभागों में तेजी आएगी लेकिन उच्च अधिकारियों के रहमों करम से गांव में बने हुए सामुदायिक शौचालय सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं इस संबंध में एडीओ पंचायत डलमऊ कैलाश नाथ पटेल ने बताया कि सामुदायिक शौचालय के बंद होने की जानकारी नहीं है जांच कर कार्रवाई की जाएगी