भ्रष्टाचार मुक्त पालिका की मांग कर, त्यागपत्र देकर सभासदो ने मांगे बापस, आखिर दबाव में!
CRS तिलहर/शाहजहाँपुर-स्थानीय वोट से जीत कर नगर पालिका की सम्मानित सदन में पहुंचे 25 सम्मानित सभासदो ने नगर पालिका परिषद में फैली भ्रष्टाचार रूपी गंदगी को लेकर ऐसे बगापत पर उतरे कि 17 सभासदो ने अपने त्यागपत्र बरेली कमिश्नरी तक पहुंचा दिए!
बताया जा रहा है कि तब से अब तक इस बीच नगर में प्रिंट व सोशल मीडियाँ की सुर्खियाँ बने रहे! विभिन्न प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा और अचानक “बैकपुट पर आए त्यागपत्री सभासद” नामक शीर्षक प्रिंट मीडिया में छपते ही एक बार चर्चाओं का बाजार फिर गर्मा गया!
चर्चा है कि भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर अड़े सभासदो ने अब तक अपना त्यागपत्र बापस नही लिया लेकिन यदि ऐसा कहाँ गया है तो समझना चाहिए कि गुमराह कौन हो रहा है!
चर्चा यह भी सुनाई पड़ती रही है कि बिरोधियों के वार्ड में विकास कार्य की रफ्तार धीमी नही पड़ गई बल्कि रुक गई है! आखिर वोटर की क्या गल्ती रही है जो पालिका सदन की आपसी लड़ाई में विकास कार्य पिसने लगा!
खबर में एक स्लोगन कि “गुमराह हुए सभासद” आखिर किसने यह गुमराही पर दबाव बनाया, यह एक गुप्त विषय हो सकता है लेकिन फिलहाल सबसे अधिक चर्चा का विषय यह है कि नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार रूपी गंदगी को साफ कराने के लिए कमर कसे सम्मानित सभासदो को आखिर क्या डर और क्या दबाव जिससे उन्हे बैंकपुट पर आना पड़ गया!
गर्म चर्चा का विषय बना सभासदो का बैकपुट आना दरअसल पूरी तरह निराधार बताया जा रहा हैं! क्यूंकि एक जुट हुए 17 सम्मानित सभासदो में अभी भी 7 सम्मानित सभासद एक जुट एक ही प्लेट फार्म खड़े नगर पालिका परिषद में फैले भ्रष्टाचार रूपी गंदगी को साफ कराने में अड़े है परन्तु यह भी एक सबाल चर्चा बना हुआ है कि आखिर बाकी सभासदो का बैंकपुट आने जैसा समाचार किस दबाव में चर्चा बना!