CRS NEWS: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई। इस अहम बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव परिणामों की गहन समीक्षा की और भविष्य की रणनीति पर विचार किया।
बैठक में खरगे ने हार के कारणों पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि पार्टी के अंदरूनी कलह और आपसी बयानबाजी ने पार्टी को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को तत्काल दूर करना होगा और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना होगा।
खरगे ने कहा, “जब तक हम एकजुट होकर काम नहीं करेंगे और आपसी मतभेदों को दूर नहीं करेंगे, तब तक अपने विरोधियों को हराना मुश्किल होगा।” उन्होंने नेताओं से अनुशासन बनाए रखने और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को पार्टी के हितों से ऊपर न रखने की अपील की।
बैठक के दौरान ईवीएम की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए गए। खरगे ने कहा कि ईवीएम ने देश की चुनावी प्रक्रिया पर संदेह पैदा कर दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की अपील की।
खरगे ने कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में माहौल था, लेकिन इसे वोटों में तब्दील करने में विफलता रही। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और बूथ स्तर तक अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने की अपील की।
खरगे ने कहा कि समय बदल गया है और चुनाव लड़ने के तरीके भी बदल चुके हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को अपनी संचार रणनीति को बेहतर करना होगा और विरोधियों द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का मजबूती से जवाब देना होगा।
खरगे ने कहा कि हार से सबक लेते हुए पार्टी को कठोर निर्णय लेने होंगे। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की जीत ही हमारी जीत है और पार्टी की हार हमारी हार है।” बैठक में मौजूद नेताओं ने जाति जनगणना और क्षेत्रीय मुद्दों पर अधिक ध्यान देने और संगठनात्मक सुधार करने पर सहमति जताई।
बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। सभी नेताओं ने पार्टी के कमजोरियों को दूर करने और भविष्य के लिए ठोस रणनीति तैयार करने की बात कही।
CORRESPONDENT
RAEBARELI