मरीज की आँखो के साथ डॉक्टरो खिलबाड़ बिक्रेता से कमीशन पर जबरन लिख रहें आई ड्रॉप!
CRS तिलहर/शाहजहाँपुर-तमाम बीमारियों की दवाओं के साथ आँखो में होने वाली बीमारी की दवाईयों में आँखों में डालने वाली ड्रॉप रूपी दवाई काफी अहम मानी जाती जो कि पेट की जगह सीधी आँखो में डाला जाता है लेकिन फिलहाल के दौर में ड्रॉप पर कितना विश्वास किया जा सकता है यह बड़ा प्रश्न इस लिए बनता जा रहा है स्थानीय स्तर पर जो ड्रॉप आँखो लिए लिखा जाता है वो दूसरी जगह क्यूं नही मिलता! जबकि हालांकि दूसरी दवाओं के साथ भी अक्सर यही होता है लेकिन यहाँ आँखो के आई ड्राप पर चर्चा है!
चर्चा में एसा माना जाता है कि स्थानीय स्तर के डॉक्टरो द्वारा आँखो की तकलीफ में दवाई के साथ लिखा जाने वाला आई ड्राप, जहाँ आस पास में आसानी से उप्लब्ध हो जाता है तो वहीं दूसरे बाजार में उसे खरीद पाना, लोहे के चने चबाने के बराबर है जबकि वहाँ पर मिलने वाला यहाँ( पहले वाले बाजार में) मिलना लोहे के चने चबाने के बराबर होता है! क्या खेल है दवाईयों के लिखने के इस खेल में, आमतौर पर समझना भी मुश्किल ही नही नामुमकिन है!
इंसान के शरीर में आँखे एक एसा हिस्सा है जिसकी अहमियत का अंदाजा उनमें रोशनी न होने वाली आँखो से ज्यादा कोई और नही समझ सकता लेकिन इंकार इस बात का भी नही कि आँखे सबकी बहुत अनमोल हैं! डॉक्टर द्वैरा आँखो लिए दवाई के रूप में लिखा जाने वाला आईड्रॉप, बाजार में उप्लब्धता उनकी अपनी मर्जी से ही रहती है यह जग जाहिर है, आखिर यह भी एक स्कैम की तरह ही समझा जा सकता है!