माता पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम को पूरी तत्परता से लागू किया जाये!
योजना के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु भी जिलाधिकारी ने किया निर्देशित!
CRS शाहजहाँपुर-जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में उ०प्र० माता पिता भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली 2014 के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न हुई!
बैठक में दौरान जिलाधिकारी ने, समिति द्वारा किये गये कार्याें की समीक्षा की! सभी तहसीलों में तैनात सुलह अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश दिये कि प्रत्येक सुलह अधिकारी, प्रति माह कम से कम 05 प्रकरणों को अवश्य चिन्हित कर उनमें अग्रिम कार्यवाही करना सुनिश्चित करें, साथ ही संज्ञान मे आये हुये प्रकरणों को पोर्टल पर दर्ज कराने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही हेतु सुलह अधिकारियों को निर्देशित भी किया!
उन्होने योजना के व्यापक प्रचार- प्रसार हेतु भी वाल पेटिंग कराने तथा फ्लैक्सी/होर्डिगं लगवाने हेतु भी निर्देश दिये! उन्होने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि प्रत्येक तहसील परिसर में स्थान चिन्हित करते हुये उसमें आवश्यक मूल भूत सुविधायें उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें!
वृद्ध जनो का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण भी कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया! उन्होने समिति के सभी सदस्यों के विचारों, प्रस्तावों एवं समस्याओं को सुना एवं उन पर प्रभावी कार्यवाही हेतु आवश्यक निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये!
जिलाधिकारी ने बताया कि माता – पिता और वरिष्ठ नागरिको के भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007, जो भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007 में लागू की गया है तथा प्रदेश में उक्त नियमावली वर्ष 2014 में प्रारम्भ हुई है और नियमावली का नाम उत्तर प्रदेश माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली है, इस नियमावली के अन्तर्गत ऐसे माता-पिता तथा वरिष्ठ नागरिक जिनका परिवार में कोई नहीं है, असहाय तथा निराश्रित हो अपना भरण पोषण कठिनाइयों में कर रहे हो, उ0प्र0 सरकार एवं सरकार की सहायता से पी०पी०पी० मॉडल पर संचालित वृद्धाश्रमों में निःशुल्क रहने, खाने पीने, ठहरने, दवाइंया, कपडे इत्यादि की व्यवस्था है!
नियमावली में यह भी व्यवस्था है कि कोई पुत्र अथवा पुत्री अपने माता-पिता की सम्पत्ति में वारिस है, यदि वह पुत्र अथवा पुत्री अपने माता-पिता को वृद्धावस्था में भरण पोषण यथा-भोजन, कपडे़, रहन-सहन, इलाज एवं अन्य सामाजिक क्रिया कलापों से वंचित रखता है तो वृद्ध माता-पिता अपने पुत्र अथवा पुत्री एवं जो भी सम्पत्ति का हकदार हो के विरुद्ध उपजिलाधिकारी/तहसील स्तरीय भरण-पोषण/अपीलीय अधिकरण में वाद दायर कर सकता है!
दायर वाद, में जिसमें अधिकतम रु० 10,000/- प्रति माह की दर से उक्त पुत्र अथवा पुत्री को भरण-पोषण हेतु अपने माता-पिता को देना होगा! वाद दायर करने में सहायता हेतु जनपद में समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक तहसील स्तर पर सुलह अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है, जिनका कार्यकाल 03 का है!
जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जनपद में पी०पी०पी० मॉडल पर विनोबा सेवा आश्रम, बनतारा सीतापुर रोड शाहजहाँपुर में संचालित है, जिसमें 150 संवासी निवास कर सकते है! वर्तमान में 117 संवासी निवासरत है जिसमें 52 पुरुष तथा 37 महिला वर्तमान में निवासरत है, 28 संवासी विभिन्न कार्य से विभिन्न जगह अवकाश पर गये है!
वृद्धाश्रम में निवासरत संवासियों की सरकार द्वारा घोषित मैन्यू के अनुसार भोजन दिया जाता है तथा मौसम के अनुसार वस्त्र इत्यादि वितरित किये जाते है! मौसम अनुसार पीने का पानी हेतु 02 आर०ओ० एवं नहाने हेतु 02 – गीजर की व्यवस्था है! वृद्धजनों के मनोरंजन हेतु हाल में एल०ई०डी० मय डिश, ढोलक, मजीरा, हारमोनियम, कैरम, लूडो एवं धार्मिक एवं मनोरंजक पुस्तको इत्यादि की व्यवस्था है!
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वृद्धा आश्रम में निवास करने वाले संवासियों की तहसीलवार सूची बनाकर सम्बन्धित उप जिला अधिकारियों को प्रेषित की जाये जिससे जांच कर नियमावली की व्यवस्था के अन्तर्गत अग्रिम कार्यवाही की जा सके! बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री राम सेवक द्विवेदी, सभी तहसीलों के उप जिलाधिकारी एवं सुलह अधिकारी, जिला स्तरीय समिति के सदस्य एवं सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे!