खनन माफियो ने खाली कर दिए और नदियों के किनारे और खेत!
सरकार की सख्ती बाद भी जारी है धड़ल्ले से अबैध खनन!
CRS न्यूज़ एजेंसी से इमरान साग़र!
शाहजहाँपुर-सरकार की सख्ती के बाद भी, क्षेत्र की नदियों से जहाँ एक ओर बालू का अबैध खनन लगातार हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर बंजर भूमि की आड़ लेकर खेतो से भी बिना किसी प्रमीशन के 3 फिट से अधिक गहराई तक मिट्टी का अबैध खनन कर टैक्टर ट्रालियाँ लाद कर दिन के उजाले में भी सरपट दौड़ती नज़र आती है!
बताया जाता है कि जनपद की सबसे बड़ी तहसील तिलहर स्थित गर्रा और रामग़गा जैसी दो बड़ी नदियाँ सीमा से लगी है तो वहीं पूर्वी फतेहगंज की बैहगुल नदी का कुछ हिस्सा भी इसी तिलहर में लगता! उक्त नदियों की सीमा अन्तर्गत एंव आसपास लगने वाले लगभग 40 गांव, बालू खनन माफियाओं का हब का रूप बने लगते हैं! यहाँ रात में ही नही बल्कि दिन के उजाले में भी खनन होता देखा जा सकता है!
यह भी बताया गया कि अवैध खनन एक हैक्टेयर में हो या 50 और 100 हैक्टेयर में! सभी मामलों में जुर्माने की राशि समान रूप से अधिकतम 25 हजार रुपए ही लगभग होती है, और सजा, अबतक के अधिनियम के अनुसार अवैध खनन पर दो साल की सजा का प्रावधान है! जुर्माने की राशि कम होने से अवैध खनन के आरोपी जुर्माने की राशि भरकर बरी हो जाते है और फिर से अपने काम को अन्जाम देने लगते हैं!
सूत्र बताते हैं कि ईट उद्योग को मिट्टी बेचने के लिए जहाँ एक ओर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए खुदाई की जाती है तो वहीं इसकी आड़ में खेतो से उपजाऊ जमीन की मिट्टी को भी JCV से अबैध खनन कर टैक्टर ट्रॉलियों में भर कर यहाँ से सरपट दौड़ाई जाती है जिन्हे दिन के उजाले में भी साफ देखा जा सकता है! क्षेत्रिय पुलिस को जब इस अबैध खनन मिट्टी या बालू की शिकायत की जाती है तो वे खनन अधिकारी का मामला बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते नज़र आते हैं! सरकार की तमाम सख्तियों को धता बताते खनन माफियाँ लगातार अपना काम कर रहे हैं, जबकि अबैध खनन पर होने वाली कार्यवाही की सख्ती निज कार्य में लाने वाले छोटे लोगो पर होती नज़र आती है!
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