लोकतन्त्र में किसी एक जाति वर्ग के प्रभुत्व के लिए कोई स्थान नहीं: अखिलेष यादव
-पीड़ित परिवार को लखनऊ बुलवाकर एक लाख इक्कीस हजार रुपए की दी आर्थिक मदद
-10 अप्रैल को हुई घटना को दबाने का थाना प्रभारी जगतपुर ने किया पूरा प्रयास
-घटना का वीडियो वायरल होने पर पासी समाज के दबाव में पुलिस की नींद खुली
-18 अप्रैल को दलित समाज के लोगांे ने किया जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव
-घटना के आरोपियों पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही किये जाने की मांग
रायबरेली-
दलित किषोर विपुल पासी पर दबंगों द्वारा किये गये अमानवीय अत्याचार का वायरल वीडियो देखकर पूर्व मुख्यमंत्रत्री अखिलेष यादव ने घटना का संज्ञान लिया। पूर्व सीएम ने जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव से फोन पर पूरी जानकारी प्राप्त की एवं पीड़ित परिवार को लखनऊ बुलवाया। घटना में विपुल पासी को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे राष्ट्रीय पासी सेना के अध्यक्ष व सपा के जिला सचिव संजय पासी पीड़ित परिवार को लेकर पूर्व सीएम से मिलवाया। पूर्व सीएम ने एक लाख रुपए का चेक व 21 हजार रुपए नगद देकर पीड़ित परिवार की मदद की। इस अवसर अखिलेष यादव ने कहा कि लोकतन्त्र में हर नागरिक को मन से बराबर मानना व हर जाति वर्ग को बिना भेदभाव एक समान
सम्मान देना ही सच्चा सामाजिक न्याय है। लोकतन्त्र में किसी एक जाति वर्ग के प्रभुत्व के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। सपा सामाजिक सम्बन्धों में भेदभाव या शोषण के बजाय सदैव बराबरी के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने कहा कि जि पर सत्ता अत्याचार कर रही है उन वंचितों के साथ सपा खड़ी है। पूर्व मंत्री डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि विपुल पासी की सत्ताधीष दबंगों द्वारा कुचली गयी अस्मिता बीजेपी की देन है। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र यादव ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा व विपुल पासी की षिक्षा व्यवस्था की मांग की। उल्लेखनीय है कि 10 अपै्रल को दबंगों द्वारा दलित किषोर विपुल पासी से जूते चप्पल चटवाये गये और चेन, राड आदि से मारा पीटा गया। थाना प्रभारी जगतपुर पीड़ित की तहरीर पर कोई कार्यवाही न कर मामले में लीपा पोती कर रहे थे। घटना का वीडियो वायरल होने पर दलित समाज ने थाने का घेराव किया तब पुलिस की नींद खुली। 18 अप्रैल को दलित समाज ने हजारों की संख्या में डीएम कार्यालय का घेराव किया। अब घटना का संज्ञान पूर्व सीएम अखिलेष यादव ने लिया है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।