हजरत इमाम हुसैन की याद में शायरो ने किया नशिस्त का एहतमा!
CRS तिलहर/शाहजहाँपुर-मुहर्म के मौके पर हजरत इमाम हुसैन की याद में शायरो ने एक नशिस्त का एहतमाम किया! 28 जुलाई बरोज़ जुमा, बज़्म काशाने अदब की जानिब से शायर उवैस खान शिफा की रिहाइश गाह पर
नशिस्त का एहतमाम किया गया!
इस मौके पर शायर जर्रार तिलहरी की सदारत में शायर और वाजिद हुसैन वाजिद निजामत में मेहमाने खुसूसी मास्टर शाहिद अली साहब की मौजूदगी में प्रोग्राम का आगाज बुज़ुर्ग शायर मसूद हसन खाँ ने नाते रसूले पाक पढ़कर किया और मेहमाने खुसूसी शाहिद अली ने हजरत इमाम हुसैन की जिंदगी और मनाज़िरे कर्बला पर रोशनी डाली! प्रोग्राम देर रात तक चला जिसमें काफी तादाद में लोग मौजूद रहे और शोअरा के कलाम से लुत्फ अंदोज़ हुए! शोअरा को खूब दाद ओ तहसीन से नवाजा गया जिसमें पसंदीदा अशार आपकी नज़्र हैं:-तसव्वुर तो ज़रा कीजे क़यामत सा वह मंज़र था” नवासा-ए-रसूले पाक का नेज़े पे जब सर था!! हसन तिलहरी ने अपने कलाम में कहा” यूँ तो गुज़र गया है ज़माना बहुत मगर,
अब भी यज़ीदियो में है दहशत हुसैन की!! अकरम तिलहरी ने कहा,औलाद माल ओ ज़र सभी कुर्बान कर दिये
ज़ालिम के आगे सर न झुकाया हुसैन ने!! उवैस खाँ शिफ़ा-कैसे न फिर वो होते अलमदारे कर्बला अब्बास पर अयाँ हुए असरारे कर्बला!! वाजिद हुसैन “वाजिद”-जो राहे हक़ में फ़ना हो उसे फ़ना न कहो”हयात है वो ये हुकमे खुदा भी नाज़िल है!! रहमत सक़लैनी-सदियों से लिख रहे हैं शहादत हुसैन की, हम से ब्याँ न हो सकी अज़मत हुसैन की!! जर्रार तिलहरी!
इनके इनके अलावा शोईद ख़ैरपुरी, ख़ालिद अल्लाह गंजवी, सरताज शाहजहांपुरी, रिज़वान शाहजहांपुरी ने भी अपने-अपने कलाम पेश किए और खूब वाह वाही बटोरी! प्रोग्राम में सिद्दीक खाँ फरीद खाँ, डॉक्टर तस्लीम, नन्हे मियाँ, अनीस अंसारी, असगर खाँ, बब्लू आदि मौजूद रहे आख़िर में साहिबे खाना उवैस खाँ शिफ़ा ने सब का शुक्रिया अदा किया, क़ौम ओ मुल्क की तरक्की के लिए दुआ की!