अस्पताल में व्यवस्था ठप्प, डेगू प्रकोप को मिल रहा है बढ़ावा!
स्टॉक में दबाई होने के बाद भी सेवा शुल्क लेकर प्रायवेट दबाईयाँ लिखी जाती हैं!
CRS तिलहर/शाहजहाँपुर-सरकार और चिकित्सा विभाग की सभी तैयारियों के बाद भी स्थानीय स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर व्यवस्थाएं ठप्प सी होने के कारण डेगू प्रकोप पर नियंत्रण नही हो पा रहा है! सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर डेगू के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं! खबरो के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की OPD पर प्रतिदिन 1000 एक हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं!
सुविधाओं के नाम पर CHC में जहाँ मुफ्त जांचे होने का ढ़ोल पीटा जाता हैं तो वहीं X-ry मशीन तक, समय पर काम नही करती, आए दिन खराब होने का चर्चा रहता है! एक्स-रे मशीन सही चले तो अक्सर विद्युत सप्लाई बांधित रहने की आड़ में मरीजो को बाहर से 300 रुपये से 400 रुपये तक प्रायवेट करा कर जेब खाली करानी पड़ती है! सरकारी दबाईयों का स्टॉक होने के बाद भी सीट पर बैठे डॉक्टर मरीजो से सेवा शुल्क बसूली कर बाहर खुले मेडीकल स्टोरो से दबाई खरीदने का ऐसे प्रेशर बनाते दिखाई पड़ते हैं जैसे मेडीकल स्टोर उनके खुद के हो या फिर कमीशन तय हो!
हालाकि सभी आरोप गलत हो सकते है परन्तु सच़ की हकीकत OPD को आते मरीजो के चेहरो पर साफ झलकती नज़र आ जाती और दबी जुबान में असुविधा की काना फूसी होती भी नज़र आती है लेकिन यह दूसरी बात है कि सिस्टम का बिरोध गैरकानूनी समझ कर खौफ में कोई बोलने की हिम्मत नही कर पाता! सरकार द्वारा अस्पतालो में मरीजो को दी जाने वाली सुविधाओं पर अस्पताल सिस्टम किस तरह हावी हो कर जहाँ सरकार की आँखो में धूल झोकने का प्रयास करता नज़र आता है!
सूत्रो की माने तो दो दिन पहले CHC पर अचानक पहुंची SDM को तमाम कमियाँ मिली जिस पर उन्होने काफी गुस्सा जाहिर किया परन्तु कोई बदलाव देखने को नही मिला! मौके पर अक्सर तमाम आला अधिकारी अक्सर पहुंच कर अस्पताल सिस्टम को फटकार लगाते जरुर है लेकिन उसका असर ऐसे दिखाई पड़ता है जैसे तलाब में कंकर फेकने पर काई कुछ देर के लिए दूर हट कर जल्द ही यथास्थान ग्रहण कर लेती है!