
आधुनिकता के दौर में परंपरा का संगम — बैलगाड़ियों से गंगा स्नान को निकले श्रद्धालु
रायबरेली।
आधुनिकता और तेज रफ्तार जीवनशैली के इस दौर में भी जनपद रायबरेली में वर्षों पुरानी परंपराओं का निर्वहन आज भी जीवंत है। मंगलवार को सलोन कोतवाली क्षेत्र के सूची चौराहा से बैलगाड़ियों का एक जत्था गंगा स्नान के लिए गोकना घाट की ओर रवाना हुआ।
बैलगाड़ियों को फूल-मालाओं और रंगीन कपड़ों से सजाया गया था। श्रद्धालुओं ने बैलगाड़ियों में अपनी आवश्यक सामग्री और पशुओं के लिए चारे का भी पूरा प्रबंध किया था। रवाना होने से पहले पारंपरिक गीतों की गूंज और ढोल-मंजीरों की थाप से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।
ग्रामीण अंचल के लोगों ने बताया कि यह परंपरा दशकों से चली आ रही है, जब श्रद्धालु बैलगाड़ियों से सामूहिक रूप से गंगा स्नान के लिए निकलते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह यात्रा केवल धार्मिक आस्था नहीं बल्कि आपसी एकता और परंपरा को जीवित रखने का प्रतीक है।
सजी-धजी बैलगाड़ियों का काफिला जब सूची चौराहा से गुज़रा, तो स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। रास्ते भर पारंपरिक गीतों और भजन की ध्वनि ने वातावरण को आनंदमय बना दिया।

RAEBARELI(DALMAU)
TAHSIL CORRESPONDENT












