CRS Agency(लखनऊ)| डार्क वेब क्या है?? अगर हम आसान भाषा में समझें तो गैरकानूनी काम करने का ज़रिया| डार्क वेब के सहारे दुनिया भर के जितने भी गैरकानूनी काम हैं वे यहां पर ही डील किये जाते हैं| ऐसा ही एक मामला लखनऊ से सामने निकल कर आया है जहां नकली मेडिसिन मार्केट से खरीदी गई दवाओं को मेक्सिको के रास्ते अमेरिका और रूस तक नशे के कारोबारियों को सप्लाई की जा रही है| यह सब डीलिंग डार्क वेब के सहारे की जा रही थी और पेमेंट बिटकॉइन पेमेंट में लिया जा रहा था|
यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के आलमबाग इलाके से एक गंग को पकड़ा है जो डार्क वेब के सहारे नशीली दवाओं को विदेशी कारोबारियों को सप्लाई करने के धंधे से जुड़े थे| ये कुल छह लोगों थे जिनको बुधवार को आलमबाग इलाके से गिरफ्तार एसटीएफ ने किया है जिसमें शाहबाज़ खान, आर्यन राज, गौतम लामा, जावेद खान और शाहिद अली को गिरफ्तार किया गया है|
गिरफ्तार किये गये आरोपियों के पास से Tramanof – p, Tramef – Ap, spasmo proxyvon की 1300 गोलियां एक पैकेट में बरामद हुईं हैं| जबकि इन दवाओं के अलावा इस गैंग के पास से 30 इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड, 17 मोबाइल और 4 कारें भी बरामद हुईं हैं|
जानकारी के अनुसार इन आरोपियों के पास से बरामद दवाइयां अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित हैं| जबकि इन दवाओं की नशे के कारोबारियो में बहुत डिमांड है| लखनऊ से पकड़ा गया यह गैंग अमीनाबाद से इन दवाओं को ₹400 में खरीदता था और अमेरिका में $400 में बेच देता था| यह सब पूरा काम डार्क वेब के सहारे अंजाम दिया जाता था| यूपी एसटीएफ ने गैंग सरगना शाहबाज़ खान से पूछताछ की तो पता चला यह लोग डार्क वेब के ज़रिए पहले इन नशीली दवाओं के खरीददारों का नंबर हासिल करते थे फिर उनको संपर्क करते और जब वह दवा की डिमांड करते तो उनको कोरियर के ज़रिए यह दवाएं पहुंचाई जाती थीं|
इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले यूपी एसटीएफ के एसीपी दीपक सिंह के नत्य यह बहुत बड़ा इंटरनेशनल सिंडिकेट है| इसका एक सिरा एसटीएफ के हाथ आया है| इनसे पूछताछ के बाद कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं जिन पर यूपी एसटीएफ काम कर रही है और जल्द इस धंधे के कुछ बड़े ऑपरेटर भी गिरफ्तार किए जाएंगे|