जनपद को अबतक एमएसएमई क्षेत्र में 62 इकाईयों द्वारा 521.32 करोड़ से उद्योग लगाने के लिए प्राप्त हुआ प्रस्ताव : डीएम
Report CRS रायबरेली 15 जनवरी, 2023 जिलाधिकारी श्रीमती माला श्रीवास्तव ने कहा कि जनपद को अबतक एमएसएमई क्षेत्र में 62 इकाईयों द्वारा 521.32 करोड़ से उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। जनपद द्वारा 69.5 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त किया गया है। एक जनपद स्तरीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन 18 जनवरी 2023 को फिरोजगाधी डिग्री कालेज ऑडिटोरियम में किया जाना निर्धारित है। उन्होंने कहा कि उद्योग लगाने के लिए अब तक आये आवेदनों में मेसर्स डलमऊ फूड एलएलपी ने 15 करोड़ निवेश करने का प्रस्ताव दिया यहां 109 लोगों को रोजगार मिलेगा, मेसर्स प्रज्ञाश फूड प्रोसेसर्स प्रा०लि० ने 7 करोड़ जिसमें 50 लोगों को रोजगार मिलेगा, मेसर्स पेन्नार इण्डस्ट्री द्वारा 50 करोड़ का निवेश कर 500 लोगों को रोजगार देगी, मेसर्स रस्या फार्मा प्रा०लि० द्वारा 50 करोड़ का निवेश करके 150 लोगों को रोजगार मिलेगा, मेसर्स आईनाक्स प्रोडक्ट्स प्रा०लि० द्वारा 45 करोड़ का निवेश करते हुये 100 लोगों को रोजगार मिलेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा माह-फरवरी, 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन लखनऊ में किया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए जनपद-रायबरेली में एमएसएमई हेतु कुल 750 करोड पूँजी विनियोजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें जनपद के समस्त औद्योगिक उद्यमियों, निर्यातकों एवं भावी उद्यमियों को अधिक से अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नवीन एम०एस०एम० ई०नीति 2022 घोषित की गयी है। एम०एस०एम०ई० नीति- 2017 के सापेक्ष इसमें अनेक आकर्षण बिन्दु रखे गये हैं। नई नीति में रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। उद्योग स्थापना के लिए भूमि कय किये जाने पर 75 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी एवं नई इकाई को 10 वर्ष तक इलैक्ट्रीसिटी ड्यूटी की छूट यथावत रहेगी तथा महिलाओं को 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी छूट दी जायेगी। किसी भी एम०एस०एम०ई० इकाई को नीति के अन्तर्गत दिये जाने वाले कुल वित्तीय लाभों में से एक वर्ष में अदा किये जाने वाले जी०एस०टी० की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है अर्थात नेट जी०एस०टी० से डी-लिंक कर दिया गया है। अब एम०एस०एम०ई० इकाई को प्रदत्त लाभ इकाई द्वारा वर्ष में दिये गये कुल स्टेट जी०एस०टी० से अधिक भी हो सकते हैं। इसीप्रकार प्रथम बार पूंजी उपादान सहायता की व्यवस्था की गयी है। सूक्ष्म श्रेणी की इकाइयों को पाँच वर्ष तक अधिकतम 25 लाख तक का ब्याज उपादान देय होगा। अनुसूचित जाति/जनजाति महिलाओं को देय व्याज की सीमा 07 प्रतिशत तक होगी। ऊर्जा एवं जल संरक्षण, भवनों की ग्रीन रेटिंग तथा पर्यावरण प्रबन्धन प्रयोगशाला के लिए भी अनुदान देय होगा। उक्त सभी लाभ नई इकाई की स्थापना के साथ-साथ इकाइयों के विस्तारीकरण तथा विविधीकरण पर भी लागू होगा।